Hariyali Teej: हरियाली तीज साल 19 अगस्त को बनाई जाती है. लेकिन इस साल यह त्यौहार जुलाई के अंत में बनाया जाएगा।
हरियाली तीज
हरियाली तीज, सुहागिन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और पार्वती जी की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं।
महत्व
- हरियाली तीज को प्रकृति के सौंदर्य और हरियाली का جشن भी माना जाता है, क्योंकि श्रावण का महीना बारिश का होता है और चारों ओर हरियाली छा जाती है.
- इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं, जिसमें हरे रंग की साड़ी पहनना, मेहंदी लगाना और गहने पहनना शामिल है।
- कुछ क्षेत्रों में महिलाएं इस दिन लोकगीत गाती हैं और झूला झूलती भी हैं।
पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थान को साफ करें और चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
- भगवान शिव और पार्वती जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- आम के पत्तों को चौकी पर रखें और उन पर चावल, सिंदूर, हल्दी, मौली और फल चढ़ाएं।
- दीप जलाएं और धूपबत्ती लगाएं।
- भगवान शिव और पार्वती जी की आरती करें।
- कथा सुनें और व्रत का संकल्प लें।
- शाम को पूजा की थाली का प्रसाद ग्रहण करें।
अन्य नाम
हरियाली तीज को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे कि:
- श्रावणी तीज
- छोटी तीज
- सिंधारा तीज (इस दिन ससुराल से सिंदूर, मेहंदी, चूड़ियाँ आदि भेंट में मिलती हैं)
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी है!
यह एक भारतीय महिलाओं का त्यौहार है। इस त्यौहार की शुरुआत सबसे पहले गिरिराज हिमालय की पुत्री पार्वती ने किया था। तो उन्हें फल स्वरुप भगवान शंकर पति के रूप में प्राप्त हुए.
इसी के चलते भारत में कुंवारी लड़कियां भी व्रत के रूप में माता पार्वती की तरह पूजा आराधना करके हरियाली तीज बनाती हैं।
ताकि उन्हें भी शिव शंकर जैसा पति मिले वरदान के रूप में इस त्यौहार को बनाने और सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए पार्वती ने अपने पतिदेव शिवजी से आशीर्वाद दिलवाया।
कि जो भी कुंवारी लड़की इस व्रत को श्रद्धा पूर्वक करेगी उसे विवाह में आने वाली सभी बाधाएं दूर होंगी।
hariyali teej 2024: हरियाली तीज साल 19 अगस्त
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जैसे पार्वती को शिव शंकर प्राप्त हुए वैसे ही जितनी भी कुंवारी लड़कियां हैं। उन्हें भी वैसा ही पतिदेव मिले इसके लिए वह व्रत रखती हैं, और हरियाली तीज बनाती है.
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हरियाली तीज हिंदू समुदाय में सबसे महत्वपूर्ण और शुभ त्योहारों में से एक है, जो आमतौर पर नाग पंचमी से दो दिन पहले मनाया जाता है। यह त्योहार सावन के पवित्र महीने के दौरान आता है. जो भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है।
हरियाली तीज पर महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। छोटी तीज और श्रावण तीज के रूप में भी जानी जाने वाली, विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं. नए कपड़े पहनती हैं और हरी साड़ी और चूड़ियाँ पहनती हैं।
आइए इस त्योहार को खुशी और उल्लास के साथ मनाएं। हरियाली तीज की शुभकामनाएं!
देवी पार्वती आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें और आपको पराक्रमी भगवान शिव के समान एक महान, शक्तिशाली और प्यार करने वाला पति मिले। हरतालिका तीज की शुभकामनाएं!
भगवान शिव और देवी पार्वती आपके जीवन में शांति, समृद्धि, खुशी और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद दें। हरियाली तीज की शुभकामनाएं!
आपको और आपके सभी प्रियजनों को हरतालिका तीज की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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शिवम शिवम मेरे दिल में हो ये दिल मंदिर तब बनेगा जब मेरा दिल आपको याद करेगा तब जकर के मेरा जीवन का अर्थ हो! जय भोलेनाथ
चंदन की खुशबू, बादलों की फुहार, आप सवि को मुबारक हो ये पवित्र तीज का त्योहर। हरियाली तीज की शुभकामनाएं 2024
Hariyali Teej 2024: Quotes Hindi
माता पार्वती आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें और पराक्रमी भगवान शिव जैसा प्यारा पति पाएं। तीज मुबारक!
इस पावन पर्व पर व्रत रखने वाली सभी महिलाओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। तीज का आनंद लें और मज़े करें!
भगवान शिव और देवी पार्वती का आशीर्वाद आपके वैवाहिक जीवन में खुशियां और प्यार लाए। तीज मुबारक!
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1.हरियाली तीज का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
हरियाली तीज एक हिंदू त्यौहार है जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है। यह त्यौहार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है।
हरियाली तीज का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की शादी के दिन का स्मरण किया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। वे पार्वती माता की तरह स्नान करती हैं और उन्हें गांठ में बांधा हुआ धागा धारण करती हैं। उन्हें स्नान के बाद अपने सोहर के लिए मीठे पकवान बनाने का व्रत रखना चाहिए।
हरियाली तीज का महत्व है क्योंकि यह महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन महिलाएं अपनी सुंदरता का खयाल रखती हैं और अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखती हैं। इस त्यौहार का महत्व इसमें भी है कि यह भगवान शिव और पार्वती की शादी के साथ जुड़ा हुआ है जो हिंदू धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
2. हरियाली तीज का क्या मतलब होता है?
हरियाली तीज का नाम इस त्योहार के महत्वपूर्ण तत्वों से जुड़ा होता है। हरियाली शब्द हिंदी में हरा रंग को दर्शाता है जो प्रकृति के उत्सव और समृद्धि को दर्शाता है। इस दिन प्रकृति की हरियाली का जश्न मनाया जाता है जिससे इस त्योहार का नाम हरियाली तीज हुआ।
तीज शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जो तृतीया को दर्शाता है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज के रूप में मनाने का मतलब होता है।
इस तरह हरियाली तीज का नाम इस त्योहार में प्रकृति के उत्सव के साथ-साथ महिलाओं के सुख-दुःख, पति-पत्नी के प्रेम और वफादारी को भी जोड़ता है।
3. हरियाली तीज कैसे मनाई जाती है?
हरियाली तीज हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। इस दिन महिलाएं विशेष रूप से इस त्योहार को मनाती हैं। हरियाली तीज के दौरान महिलाएं पर्वती माता की पूजा करती हैं जो शिव पार्वती की पुत्री हैं। इस दिन महिलाएं प्रकृति की समृद्धि के लिए भी पूजा करती हैं और पौधे लगाने व प्रकृति से संबंधित गीत गाने का आनंद लेती हैं।
हरियाली तीज का त्योहार पूरे दिन धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं हरियाली साड़ी पहनती हैं और आपस में मिठाई व विभिन्न परंपरागत व्यंजनों का स्वाद लेती हैं। इसके अलावा, महिलाएं खिलौने खरीदती हैं, जैसे झूले और मछलियाँ जो इस दिन खिलौनों की खरीदारी के लिए विशेष रूप से उपलब्ध होते हैं।
इस त्योहार का ख़ास पर्वान झूले का होता है जिसे महिलाएं बाँधती हैं और झूलते हुए प्रेम व्यक्त करती हैं। महिलाएं झूले के नीचे बैठकर प्रीति व संवाद का आनंद लेती हैं।
4. हरतालिका तीज और हरियाली तीज में क्या अंतर है?
हरितालिका तीज और हरियाली तीज दो अलग-अलग त्योहार होते हैं। हरितालिका तीज श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, जबकि हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है।
हरितालिका तीज का उत्सव मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है, जबकि हरियाली तीज पूरे भारत में मनाया जाता है।
हरितालिका तीज का महत्व मुख्य रूप से सती संतान की आराधना के लिए होता है जबकि हरियाली तीज का महत्व प्रकृति की समृद्धि का उत्सव मनाने के लिए होता है।
इसके अलावा, हरितालिका तीज में महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा करती हैं जबकि हरियाली तीज में महिलाएं पर्वती माता की पूजा करती हैं।
यद्यपि दोनों त्योहारों में खिलौने खरीदने और महिलाओं के लिए विशेष व्यंजनों का स्वाद लेने जैसे सामाजिक कार्यक्रम शामिल होते हैं, लेकिन ये दोनों त्योहार अपने उद्देश्य और महत्व के आधार पर अलग-अलग होते है.
5. तीज के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
तीज के दिन कुछ विशेष नियम होते हैं जिन्हें अपनाने का परंपरागत तरीका होता है। यह नियम विभिन्न क्षेत्रों और संप्रदायों में थोड़े भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य नियम होते हैं जो लोगों द्वारा अपनाए जाते हैं।
तीज के दिन निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए:
- उपवास रखना – तीज के दिन लोग नृविघ्न उपवास रखते हैं। यह उन्हें इष्ट देवता की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
- विशेष प्रार्थनाएँ करना – तीज के दिन लोग इस्त्री और भगवान शिव की पूजा करते हैं और विशेष प्रार्थनाएँ करते हैं।
- नहाना – तीज के दिन लोग नहाने से बचते हैं। इसे न करने से उन्हें तीज व्रत का फल प्राप्त होता है।
- धूप-दीप जलाना – तीज के दिन लोग धूप और दीप जलाते हैं।
- हरियाली वस्तुओं का धारण करना – तीज के दिन लोग हरियाली वस्तुओं जैसे लहरिया, हरी बंदन, आदि का धारण करते हैं।
6. तीज व्रत में पानी कब पीते हैं?
तीज व्रत में पानी पीने की विशेष विधि होती है जो संप्रदाय के अनुसार भिन्न होती है। इस व्रत में पानी का सेवन कुछ विशेष समयों पर अनुमति दी जाती है।
ज्यादातर स्थानों पर तीज व्रत में पानी की पहली चुटकी सूर्योदय के बाद ली जाती है। इसके अलावा, कुछ संप्रदायों में पानी का सेवन अलग-अलग समयों पर अनुमति देते हैं जैसे सूर्यास्त के बाद भी पानी पीने की अनुमति होती है।
इसके अतिरिक्त, कुछ विशेष सम्प्रदायों में, तीज व्रत के दौरान सिर्फ एक बार पानी पीने की अनुमति दी जाती है। इसलिए, तीज व्रत का पालन करते समय संप्रदाय के अनुसार उचित समय और विधि का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
7. क्या तीज के व्रत में चाय पी सकते हैं?
तीज के व्रत में चाय पीना संभव है लेकिन कुछ संप्रदायों में चाय और कॉफ़ी का सेवन व्रत के दौरान नहीं किया जाता है। यह तीज व्रत के विभिन्न पालन संप्रदायों पर निर्भर करता है।
कुछ संप्रदायों में चाय और कॉफ़ी का सेवन अनुमति नहीं होती है, क्योंकि इनमें कैफीन की मात्रा ज्यादा होती है, जो आवश्यकता से अधिक शरीर में तेजी से ऊर्जा का उत्पादन करता है। इसलिए, तीज के व्रत में चाय और कॉफ़ी का सेवन न करने का सुझाव दिया जाता है।
इसके अतिरिक्त, तीज के व्रत में पाक खाने से पहले अन्न का उपवास रखा जाता है, इसलिए कुछ लोग चाय और कॉफ़ी की जगह अन्य गर्म पेय जैसे दूध, हल्दी वाला दूध, नींबू पानी आदि का सेवन करते हैं।
इसलिए, तीज के व्रत के दौरान संप्रदाय के अनुसार उचित समय और विधि का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
8. तीज पर महिलाएं क्या करती हैं?
तीज पर महिलाएं व्रत रखती हैं और इस दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं। वे सुबह जल्दी उठकर नहाकर पूजा के लिए तैयार होती हैं। इस दिन उन्हें उनकी सौभाग्यवती शादी और खुशी की कामना के साथ खाने-पीने का अनुमति नहीं होता है।
धूमधाम से सजाया जाता है, महिलाओं ने सुंदर सा वेशभूषा पहना होता है, वे अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं और श्रृंगार करती हैं। वे भगवान शिव और पार्वती की पूजा के लिए खास रूप से सजाए गए मंदिरों या पूजा स्थलों में जाती हैं और शुद्ध वातावरण में व्रत उन्हें उनकी समस्त कामनाओं को पूरा करने की शक्ति देता है।
इस दिन महिलाएं एक दूसरे से मिलती हैं, एक दूसरे को व्रत की सम्पूर्ण जानकारी देती हैं और मंदिर में भगवान की पूजा के बाद फलाहार बांटती हैं। इसके अलावा, तीज पर महिलाएं गीत गाती हैं और नृत्य करती हैं, जिससे उन्हें सम्पूर्ण तीज का मजा मिलता है।
9. हरियाली तीज में किसकी पूजा की जाती है?
हरियाली तीज में भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और पार्वती को अर्घ्य और मिठाई देती हैं और उन्हें नित्य उपवास और सुख समृद्धि की कामना करती हैं। इस दिन कुछ स्थानों पर भगवान शिव की मूर्ति को तांदव नृत्य कराया जाता है।
इसके अलावा, हरियाली तीज के दिन प्रकृति की भी पूजा की जाती है। महिलाएं हरियाली के फूलों के माला बनाती हैं और वृक्षों को जल चढ़ाती हैं ताकि प्रकृति की खुशी के साथ उन्हें अपने सुख-समृद्धि की कामनाएं भी संदेशित हों।
10. हरतालिका तीज पर क्या करें?
हरतालिका तीज व्रत श्रद्धालु महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध हिंदू त्योहार है। यह तीज श्रद्धा और भक्ति का पर्व है जो मुख्य रूप से नारी शक्ति को समर्पित होता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान गणेश, भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है। इस तीज को मनाने के कुछ उपाय हैं जो इस प्रकार हैं:
- उपवास रखें: इस दिन श्रद्धालु महिलाएं उपवास रखती हैं जो सूखे फल, सब्जियां और शाकाहारी खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं।
- पूजा का सामान तैयार करें: हरतालिका तीज पर भगवान गणेश, भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है। पूजा के लिए अपने घर में जरूरी सामान जैसे कलश, दीपक, अगरबत्ती, अक्षत, मोली, सुपारी, कुमकुम आदि का तैयार रखें।
- मंदिर और वृक्ष देखभाल करें: इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ अपने घर के मंदिर को साफ-सुथरा रखें और वृक्षों को पानी दें।
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